*आओ प्यार की पैंग बढ़ाएं*
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कब से तुमको सोच रहा हूं।
कब से तुमको देख रहा हूं
जाने तुम कहां खोई हुई हो
जाने कितना सोई हुई हो
कब से मैं आवाज दे रहा
तुम हो कि सुनती ही नहीं हो
देखो मैंने गीत लिखा है
देखो मैंने क्या लिखा है
एक तस्वीर बनाई है मैंने
देखो किसका रंग चढ़ा है
आओ प्रिय आ भी जाओ
मौसम कितना खिला-खिला है
सुना है बसंत आ गया है
हम दोनों में क्या शिकवा है
आओ प्रिय हम भी मिल जाए
आओ प्रिय हम घुल मिल जाए
आओ प्रिय कुछ बातें कर ले
आओ प्रिय मुलाकातें कर ले
हम दुनिया को यह दिखलाएं
आओ प्रिय हम प्यार सिखाएं
आओ प्रिय हम प्यार सिखाएं
हम भी मिलकर गीत ये गाएं
आओ प्यार की पैंग बढ़ाएं।।
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मूल गीतकार/बेखौफ शायर
*डॉ. नरेश कुमार "सागर"*
15/02/2021
आओ प्यार में घुल मिल जाय super sir ji जिंदगी का सत्य आइना
ReplyDeleteशुक्रिया
ReplyDeleteअपने दोस्तों को भी भेजिए
अति सुन्दर बहुत खूब 👌
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